कल का दिन बहुत भारी गया ......रेडियो ...टीवी ......फेस-बुक ....ट्विटर ....ब्लॉग ...सब जगह एक ही चर्चा .....
'नारी तू महान है ......धीरज और प्रेम में तू धरती के समान है ....शक्ति ...नहीं ...नहीं महाशक्ति का अवतार है तू ......तुझ बिन संसार नहीं ........तू ममता का डेरा है '............और भी न जाने क्या-क्या ..
रात होते-होते तक मुझे पक्का विशवास होने लगा था कि और थोड़ी देर में सब मुझे देवी की जगह प्रतिस्थापित करके ही दम लेगें ...सच कहूँ ...बहुत डर गयी थी मैं .....कीमती वस्त्र-आभूषण ....फल,मेवा,मिष्ठान के भरे भण्डार ......धन-संपदा से लबालब कोष .....पर ....फिर मुझे भी तो पत्थर बन कर रहना पड़ेगा .....मूक और बधिर बन कर ...सब कुछ मेरे नाम ...मेरे लिए ......लेकिन मेरा कुछ भी नहीं ......
और फिर एक दिन जब सबका जी भर जाएगा ...ढ़ोल बजाते ...नाचते-गाते मुझे विसर्जित कर आयेगें .....किसी और को देवी के रूप में स्थापित करने के लिए .....
क्या मेरा डरना गलत था ???
बहुत बेहतरीन सटीक अभिव्यक्ति,,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग गुलाल है यारो,
nahi shikha darna bilkul bhi galat nahi hai ..bahut hi jabardast khyaal ..rachna ke liye badhai :-)
ReplyDeleteसार्थक रचना | बधाई
ReplyDeleteहारा कुल अस्तित्व ही, जीता छद्म विचार |
ReplyDeleteवैदेही तक देह कुल, होती रही शिकार |
होती रही शिकार, प्रपंची पुरुष विकारी |
चले चाल छल दम्भ, मकड़ जाले में नारी |
सहनशीलता त्याग, पढाये पुरुष पहारा |
ठगे नारि को रोज, झूठ का लिए सहारा ||
बहुत सुंदर और सटीक विचार ...वैदेही को न छोड़ा गया तो फिर इस युग की नारी समाज से क्या अपेक्षा करे
Deletebehatareen
ReplyDeleteसार्थक विचार.
ReplyDeleteमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हाँ शिखा. इस तरह के भाव-ज्वर के लिए गुजराती में शब्द है स्मशान वैराग्य...! अर्थात -वो वैराग्य भाव जिसकी उम्र स्मशान की मुलाकात की अवधि तक ही सीमित होती है :)
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति,आभार.महाशिवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteगलत नही है
ReplyDelete.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावों को अभिव्यक्त करती रचना . महा शिवरात्रि की शुभकामना
डर सच्चे हैं । हालाँकि पूरी तरह और हर जगह नही । अच्छी अभिव्यक्ति ।
ReplyDeletekitna sahi kaha tumne sab kuch mera sab mere lie ..magar mera kuch bhi nahi.....goonga aur behra ban kar moorti bankar mujhe hi rehna hai her haal me ...mujhe hi sehna hai ...mahila divas bas naam ka hai ek din ...jo din na hokar ...mahadivas ban jata hai ..fir..uske baad kya?ye sawal hamesha reh jata hai /....
ReplyDeleteनही आपका कहना गलत हो ही नही सकता ... लेकिन यकीन जानिये आप तक संदेश पुहँचाने वाले माध्यम अब तक कहते थकते नहीं
ReplyDeleteये : गुरु जी नमन !!!!
------------------------------ हर्दय से वंदन आपके भाव अभिव्यक्ती की सृजनशीलता को