मुहब्बत के कुछ फूल
बड़ी हसरत से
दामन में बाँधे थे
वो कोना ....आंचल का
आज भी मुठ्ठी में दबाया है
जमाने की तपिश
दर्द की गिरफ्त
तुम्हारी तल्खियों से
अभी तलक इसे बचाया है
ज़िन्दगी के मिजाज़ ने
तोड़ डाले ....भरम सारे
न जाने क्यूँ ....
बस यही एक गिरह
खुल न सकी
मुरझाया ही सही ...
अभी तलक ....इक सपना
हथेली पे सजाया है
बड़ी हसरत से
दामन में बाँधे थे
वो कोना ....आंचल का
आज भी मुठ्ठी में दबाया है
जमाने की तपिश
दर्द की गिरफ्त
तुम्हारी तल्खियों से
अभी तलक इसे बचाया है
ज़िन्दगी के मिजाज़ ने
तोड़ डाले ....भरम सारे
न जाने क्यूँ ....
बस यही एक गिरह
खुल न सकी
मुरझाया ही सही ...
अभी तलक ....इक सपना
हथेली पे सजाया है
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,,,शिखा जी
ReplyDeleteRecent post: रंग,
bahut sunder abhivyakti shikha...pyaar bhi ,dard bhi..,sehensheelta bhi ...aur yaad bhi sab kuch hai is me...bahut bahut sunder
ReplyDeleteना जाने क्यूँ बस यही एक गिरह खुल न सकी ..एक सपना अभी तक हथेली पे सजाया है ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति शिखा :-)
ReplyDeleteमेरी नई कविता पर आपकी प्रतिक्रिया चाहती हूँ Os ki boond: सिरफिरा फूल ...
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज के ब्लॉग बुलेटिन पर |
ReplyDeleteरचना को चुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
Deleteमुहब्बत के ये फूल कभी मुरझाएंगे नहीं ... बस खुशबू ही देंगे ...
ReplyDeleteहथेली के सपने कभी तो पूरे होते हैं ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति शिखा जी !
ReplyDeleteआप भी मेरे ब्लॉग का अनुशरण करें ,ख़ुशी होगी
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वाह बहुत खूबसूरती से रिश्तों की कशमकश बयान की है आपने। बहुत खूबसूरत और रूमानी नज़म। हर लफ्ज़ तराशा हुआ। पढ़ कर दिल खुश हो गया।।बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteअच्छा है जो यह गिरह नही खुली नही तो एक बार फिर दर्द बह उठता ......बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteरचना को चुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत, तुम्हारी तल्खियों से अभी तक बचाया है. बहुत अच्छे भाव.
ReplyDeleteनीरज'नीर'
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा)
बहुत खूब ...।
ReplyDeleteBEAUTIFUL LINES WITH EMOTIONS AND FEELINGS
ReplyDeleteवाह ... बहुत खूब
ReplyDeleteसुन्दर रचना। आभार :)
ReplyDeleteनये लेख :- समाचार : दो सौ साल पुरानी किताब और मनहूस आईना।
एक नया ब्लॉग एग्रीगेटर (संकलक) : ब्लॉगवार्ता।
Umda bhao,mohabbat ke bakhan me lajawab rachna...
ReplyDeleteSadar
बहुत कोमल प्रस्तुति
ReplyDeleteउदास कर देने वाली रचना.
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