Thursday 26 September 2013
Wednesday 4 September 2013
सनद
सितारे जड़े आँचल में
चाँद सा चेहरा किया
और अन्तरिक्ष की डोर
थमा दी मेरे हाथ
अब घिरी हूँ मैं ग्रहों से
अपनी धुरी पे नाचती
न भीतर न बाहर
परिधि की लकीर भर
....दुनिया मेरे पास
नहीं ...बेवजह न था
सनद में लिखना तुम्हारा
आकाश मेरे नाम
चाँद सा चेहरा किया
और अन्तरिक्ष की डोर
थमा दी मेरे हाथ
अब घिरी हूँ मैं ग्रहों से
अपनी धुरी पे नाचती
न भीतर न बाहर
परिधि की लकीर भर
....दुनिया मेरे पास
नहीं ...बेवजह न था
सनद में लिखना तुम्हारा
आकाश मेरे नाम
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