Saturday 25 May 2013

इनकार की कीमत.



सागर सी गहरी आँखों में 
खाली एक धुंआ सा है  
सूरज तो कब का डूब चुका 
अब तो बस अमावस्या है 
मेले थे जिन राहों में 
नागफनी उग आयी है 
अपनी ही मंज़िल है लेकिन 
खुद से ही कतराई है 
स्वाद सुगंध कब बीत गए 
यादों में भी याद नहीं
सन्नाटे कहकहे लगाते  
और कोई संवाद नहीं 
झुलस गये सपनों की गाथा 
हर कोने में साबित है 
नाखूनों के पोरों तक में 
चिंगारी का हासिल है 
अपनी छाया भी नाज़ुक थी 
दर्पण ने कब झूठ कहा 
क्यूँ ज़ख्म खुले आईने के 
क्यूँ अक्स ड़रा सहमा-सहमा 
एक पल ने जो त्रास दिया 
अम्ल न फिर वो क्षार हुआ 
एक इनकार की कीमत है  
सौदा यही  हर बार हुआ 

(ये रचना एसिड-अटैक की पीड़ितों को समर्पित है )

19 comments:

  1. waah dii bahut behtareen likha hai aapne ...aanand aa gya..

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  2. मन को छू गयी .... शुभकामनाएं !!!

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  3. kya kahun ek inkaar ki qeemat ...dil ko chu gai

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  4. सशक्त, संवेदनशील रचना

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  5. ये जीवन भी तो ऐसा ही है ... धुंवा धुंवा सा ...
    खाली खाली सा ...
    उदासीनता और तरलता लिए .... एहसास भरी रचना ...

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  6. सूरज तो कब का डूब चूका ,अब तो केवल अमावस्या है

    दिल को छू लेने वाली अभिव्यक्ति

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  7. आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए कल 27/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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    1. यशवंत ....नयी-पुरानी हलचल के लिए इस रचना का चयन करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया

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  8. बहुत ही सुन्दर भावनाओं की माला

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  9. सुन्दर शब्द-भाव संगम.

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  10. बहुत सुन्दर...मन को छूती.....

    अनु

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  11. शिखा : बहुत बढ़िया. ये वो शिखा है जिसे हम जानते है- और ये वो शिखा है जो गायब हो गयी थी....बैलगाडी में लदालद भरे गन्नों की तरह कुछ पंक्तिओं में लदालद भाव विश्व. -बहुत सुंदर. धन्यवाद.

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  12. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक का प्रसारण सोमवार (03.06.2013)को ब्लॉग प्रसारण पर किया जायेगा. कृपया पधारें .

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    1. बहुत-बहुत शुक्रिया ....

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  13. मार्मिक और भावुक प्रस्तुति
    बहुत सार्थक और सुंदर
    सादर

    आग्रह है पढें,मेरे ब्लॉग का अनुसरण करें
    तपती गरमी जेठ मास में---
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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  14. sundar shabd sanjoyan me sundar bhav ...

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  15. बहुत मार्मिक और प्रभावी अभिव्यक्ति...

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  16. दर्दनाक अभिव्यक्ति ..
    बधाई आपको !

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