सागर सी गहरी आँखों में
खाली एक धुंआ सा है
सूरज तो कब का डूब चुका
अब तो बस अमावस्या है
मेले थे जिन राहों में
नागफनी उग आयी है
अपनी ही मंज़िल है लेकिन
खुद से ही कतराई है
स्वाद सुगंध कब बीत गए
यादों में भी याद नहीं
सन्नाटे कहकहे लगाते
और कोई संवाद नहीं
झुलस गये सपनों की गाथा
हर कोने में साबित है
नाखूनों के पोरों तक में
चिंगारी का हासिल है
अपनी छाया भी नाज़ुक थी
दर्पण ने कब झूठ कहा
क्यूँ ज़ख्म खुले आईने के
क्यूँ अक्स ड़रा सहमा-सहमा
एक पल ने जो त्रास दिया
अम्ल न फिर वो क्षार हुआ
एक इनकार की कीमत है
सौदा यही हर बार हुआ
(ये रचना एसिड-अटैक की पीड़ितों को समर्पित है )
(ये रचना एसिड-अटैक की पीड़ितों को समर्पित है )
waah dii bahut behtareen likha hai aapne ...aanand aa gya..
ReplyDeleteमन को छू गयी .... शुभकामनाएं !!!
ReplyDeletekya kahun ek inkaar ki qeemat ...dil ko chu gai
ReplyDeleteसशक्त, संवेदनशील रचना
ReplyDeleteये जीवन भी तो ऐसा ही है ... धुंवा धुंवा सा ...
ReplyDeleteखाली खाली सा ...
उदासीनता और तरलता लिए .... एहसास भरी रचना ...
सूरज तो कब का डूब चूका ,अब तो केवल अमावस्या है
ReplyDeleteदिल को छू लेने वाली अभिव्यक्ति
आपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 27/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
यशवंत ....नयी-पुरानी हलचल के लिए इस रचना का चयन करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया
Deleteबहुत ही सुन्दर भावनाओं की माला
ReplyDeleteसुन्दर शब्द-भाव संगम.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...मन को छूती.....
ReplyDeleteअनु
शिखा : बहुत बढ़िया. ये वो शिखा है जिसे हम जानते है- और ये वो शिखा है जो गायब हो गयी थी....बैलगाडी में लदालद भरे गन्नों की तरह कुछ पंक्तिओं में लदालद भाव विश्व. -बहुत सुंदर. धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक का प्रसारण सोमवार (03.06.2013)को ब्लॉग प्रसारण पर किया जायेगा. कृपया पधारें .
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया ....
Deleteमार्मिक और भावुक प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सार्थक और सुंदर
सादर
आग्रह है पढें,मेरे ब्लॉग का अनुसरण करें
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.in
sundar shabd sanjoyan me sundar bhav ...
ReplyDeleteबहुत मार्मिक और प्रभावी अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteदर्दनाक अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteबधाई आपको !
dardnaak ....
ReplyDelete