अनमनी और अजान
अवसाद में ...घिरी हैरान
कभी अंधेरों में ढूँढ़ती
खुद अपनी ...खोयी पहचान
सिकुड़ी सूखे पातों सी
गुज़री तंग गलियों से
दीवारों पे बिखरी जैसे
परछाई का देती भान
खुशबू महकाती रहीं
अंतस के ...हरेक कोण
भेद कभी विषाद-चक्र
भर गयीं ...जीवन में प्राण
रुलाती रहीं
हंसाती रहीं
धुन पुरानी
गुनगुनाती रहीं
पहेलियों में अकसर ये
समझाती रहीं ...
जग का विधान
रंग कोई भी सजा हो
रूप चाहे जो धरा हो
यादें छोडती चल रहीं
समय-सिन्धु की रेत पर ...
अपने पाँव के निशान
अवसाद में ...घिरी हैरान
कभी अंधेरों में ढूँढ़ती
खुद अपनी ...खोयी पहचान
सिकुड़ी सूखे पातों सी
गुज़री तंग गलियों से
दीवारों पे बिखरी जैसे
परछाई का देती भान
खुशबू महकाती रहीं
अंतस के ...हरेक कोण
भेद कभी विषाद-चक्र
भर गयीं ...जीवन में प्राण
रुलाती रहीं
हंसाती रहीं
धुन पुरानी
गुनगुनाती रहीं
पहेलियों में अकसर ये
समझाती रहीं ...
जग का विधान
रंग कोई भी सजा हो
रूप चाहे जो धरा हो
यादें छोडती चल रहीं
समय-सिन्धु की रेत पर ...
अपने पाँव के निशान
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,,,,बधाई शिखा जी,,,
ReplyDeleteRECENT POST: पिता.
VERY NICE LINES WITH GREAT EMOTIONS AND FEELINGS
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (02-03-2013) के चर्चा मंच 1172 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया अरुण जी .....
Deleteकितनी परिक्रमा कर लो निशाँ मिटाये नही मिटते
ReplyDeleteसमय-सिन्धु की रेत पर
ReplyDeleteपड़े पैरों के निशां
खूबसूरत रचना
साधुवाद
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है ......
ReplyDeleteसादर , आपकी बहतरीन प्रस्तुती
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?
ये कैसी मोहब्बत है
यादों की सुन्दर अभिव्यक्ति | सुन्दर रचना हेतु बहुत बहुत बधाईयाँ सम्मानित कवियत्री जी |
ReplyDeleteखूबसूरत रचना शिखा जी ...
ReplyDeleteजीवन विषद चक्र में ना फंसे और प्राण उर्जा संचालित होती रहे यही प्रयास होना चाहिये.
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति.
यादों के निशान तो रहते हैं हमेशा ... पर ये खुशी का मौजू बने न की गम का समुन्दर ...
ReplyDeleteअच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आना
ReplyDeleteसुन्दर रचना हेतु बहुत बहुत बधाईयाँ
ReplyDeleteयादों के निशाँ मिटाए नहीं मिटते।शिखा बहुत सुंदर लिखा।
ReplyDeleteजीवन को महकती और कभी थकाती यादें ...
जीवन देती और कभी ले लेती यादें।
अवसादों सी बहती जाती .......
पानी के साथ घोर पश्चाताप सी यादें।।।